समझा जिसने खुद को न हो ,समझाता वो हर किस को है,हरगिस जिसको मंज़ूर नहीं , औरों की अपने आगे सुनना ,न सुनता, न ही जताता है ,पर को ही
समझा जिसने खुद को न हो ,समझाता वो हर किस को है,हरगिस जिसको मंज़ूर नहीं , औरों की अपने आगे सुनना ,न सुनता, न ही जताता है ,पर को ही